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पाचन शक्ति बढ़ाने के 7 असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे

 

पाचन शक्ति बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

क्या आपको भी पेट भारी रहता है, खाना ठीक से नहीं पचता या गैस बनती है? ये सभी लक्षण पाचन शक्ति की कमजोरी के होते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है – “सर्वं रोगं मंदाग्नि”, यानी ज्यादातर रोगों की जड़ कमजोर पाचन होता है।

पाचन शक्ति क्या है?

पाचन शक्ति हमारे शरीर की वो क्षमता है जो भोजन को ठीक से पचाकर पोषक तत्त्वों को शरीर में पहुंचाती है। अगर ये कमजोर हो जाए तो खाना भी ज़हर बन सकता है।

पाचन शक्ति कमजोर होने के लक्षण

  • भूख न लगना
  • भोजन के बाद भारीपन
  • गैस बनना या डकार आना
  • कब्ज़ या ढीले पेट
  • थकान महसूस होना

पाचन शक्ति बढ़ाने के आयुर्वेदिक तरीके

1. सोंठ + काला नमक

1 चुटकी सोंठ (सूखा अदरक पाउडर) और चुटकीभर काला नमक खाने से पहले लेने से पाचन अग्नि तेज होती है।

2. जीरा-धनिया जल

1 गिलास पानी में 1-1 चम्मच जीरा और धनिया डालकर उबालें। छानकर गुनगुना पिएं। यह पाचन तंत्र को शांत करता है।

3. हिंग का उपयोग

हींग (asafoetida) को गुनगुने पानी में मिलाकर लेने से गैस और अफारा दूर होता है।

4. तृिफला चूर्ण रात को

रात में 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट साफ रहता है और पाचन सुधरता है।

5. नींबू-शहद पानी

सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और शहद लेने से न सिर्फ पाचन बढ़ता है बल्कि पेट भी हल्का रहता है।

6. आयुर्वेदिक चूर्ण: अविपत्तिकर चूर्ण

यह चूर्ण आयुर्वेदिक दुकानों में मिलता है। यह अम्लपित्त, एसिडिटी और मंदाग्नि को ठीक करता है।

7. भोजन के बाद 5 तुलसी पत्ते चबाएं

तुलसी पेट की गर्मी, गैस और पाचन संबंधित समस्याओं में असरदार है।

पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए दिनचर्या में बदलाव

  • सुबह उठकर गुनगुना पानी जरूर पिएं
  • भोजन समय पर करें और चबा-चबा कर खाएं
  • खाने के तुरंत बाद न सोएं
  • भोजन में सलाद, अजवाइन और जीरा शामिल करें

व्रत और उपवास का महत्व

आयुर्वेद में व्रत को अग्नि का उपचार माना गया है। सप्ताह में एक दिन फलाहार या लिक्विड डाइट लेने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है।

निष्कर्ष

पाचन शक्ति ही सेहत की असली चाबी है। अगर आपका पाचन अच्छा है तो आप 90% बीमारियों से बचे रह सकते हैं। ऊपर दिए गए आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं और बिना दवा के स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।

यह जानकारी सिर्फ शैक्षणिक उद्देश्य से है। किसी भी गंभीर स्थिति में वैद्य या डॉक्टर से सलाह लें।

आपका अनुभव कैसा रहा?

अगर आपने इनमें से कोई उपाय अपनाया है, तो कमेंट में जरूर बताएं। और इस लेख को शेयर करें ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें।


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