पानी पीने का सही तरीका – Ayurveda के अनुसार
क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर लोग पानी पीने का तरीका गलत अपनाते हैं? आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका हमारी सेहत को दवाई से भी ज्यादा फायदा पहुंचा सकता है। गलत तरीके से पानी पीना धीरे-धीरे कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
पानी पीने का सही तरीका
- हमेशा बैठकर पानी पिएं, खड़े होकर नहीं।
- घूंट-घूंट करके धीरे-धीरे पिएं, गटक-गटक नहीं।
- खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं, कम से कम डेढ़ घंटे बाद ही पिएं।
- सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना सबसे अच्छा माना जाता है।
बैठकर पानी पीने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार बैठकर पानी पीने से शरीर को ये लाभ मिलते हैं:
- पानी धीरे-धीरे absorb होता है और किडनी पर दबाव नहीं पड़ता।
- पाचन बेहतर होता है और गैस या अपच की समस्या नहीं होती।
- जोड़ों और रीढ़ की हड्डी पर तनाव कम होता है।
- हृदय और दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है।
बैठकर पानी पीने के नुकसान (अगर आदत गलत हो)
बैठकर पानी पीना फायदेमंद है, लेकिन अगर आप तेजी से गटक-गटक करके पानी पीते हैं तो इसके नुकसान हो सकते हैं:
- पेट में भारीपन और फुलावट।
- गैस, एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्या।
- गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव।
- मोटापा और जोड़ों का दर्द।
क्यों बैठकर पानी पीना चाहिए?
जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो पानी सीधे शरीर में नीचे चला जाता है, जिससे पाचन पर बुरा असर पड़ता है। वहीं बैठकर पानी पीने से:
- पानी धीरे-धीरे पेट और आंतों में पहुंचता है।
- शरीर उसे सही तरह से absorb करता है।
- किडनी और मूत्राशय पर दबाव नहीं पड़ता।
- शरीर के toxins आसानी से flush होते हैं।
गलत तरीके से पानी पीने के नुकसान
अगर आप लगातार खड़े होकर, गटक-गटक करके या बहुत ठंडा पानी पीते हैं तो इससे ये नुकसान हो सकते हैं:
- Appendicitis (अपेंडिक्स की समस्या)
- Hernia (आंतों का खिसकना)
- Hydrocele (विशेषकर पुरुषों में)
- पाचन खराब होना और मोटापा बढ़ना
निष्कर्ष
पानी पीने का सही तरीका आयुर्वेद में साफ लिखा गया है – हमेशा बैठकर, घूंट-घूंट करके और सही समय पर पानी पिएं। ऐसा करने से न केवल मोटापा और पाचन की समस्या दूर होगी, बल्कि जोड़ों का दर्द और सिरदर्द भी खत्म हो सकता है।
👉 अगर आप ये आदतें अपना लेते हैं तो पानी आपके लिए किसी औषधि से कम काम नहीं करेगा।

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