बवासीर (Piles) एक आम बीमारी है जो आजकल की अनियमित जीवनशैली, खानपान और कब्ज की समस्या के कारण तेजी से बढ़ रही है। इसे मेडिकल भाषा में हेमोरॉयड्स कहते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे – पाइल्स क्या है, इसके लक्षण, कारण, आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपाय।
पाइल्स क्या है?
पाइल्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें मलद्वार या उसके अंदर की नसें सूज जाती हैं। यह सूजन कभी-कभी खून बहने, दर्द या जलन का कारण बनती है।
पाइल्स दो प्रकार की होती है:
- आंतरिक
- बाहरी
पाइल्स के कारण
- लगातार कब्ज रहना
- मसालेदार और कम फाइबर वाला भोजन
- देर तक शौच पर बैठना
- वजन उठाने की आदत
- गर्भावस्था
- अनुवांशिक कारण
पाइल्स के लक्षण
- मल के साथ खून आना
- मल त्याग में दर्द या जलन
- गुदा के पास गांठ या सूजन
- खुजली या जलन
- बैठने में असहजता
आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपाय
1. त्रिफला चूर्ण
रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें – कब्ज से राहत मिलेगी।
2. हरड़
हरड़ पाचन को दुरुस्त करती है और बवासीर की सूजन में राहत देती है।
3. एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल को प्रभावित स्थान पर लगाने से जलन और दर्द से आराम मिलता है।
4. तिल का तेल और हल्दी
तिल के तेल में हल्दी मिलाकर लगाएं – यह संक्रमण और सूजन को कम करता है।
5. छाछ और जीरा
दोपहर के खाने के बाद छाछ में भुना हुआ जीरा और काला नमक मिलाकर पीने से पाचन सुधरता है।
पाइल्स में क्या खाएं – क्या न खाएं
✔️ खाएं:
- हरी सब्जियाँ
- फाइबर युक्त फल – पपीता, सेब
- पानी अधिक मात्रा में
- छाछ और दही
❌ न खाएं:
- मिर्च-मसाले वाला भोजन
- फास्ट फूड
- चाय और कॉफी
- अल्कोहल और धूम्रपान
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि पाइल्स के लक्षण 7-10 दिन में घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहे हैं या खून बहना बंद नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
पाइल्स एक तकलीफदेह लेकिन पूरी तरह से कंट्रोल में रखी जा सकने वाली बीमारी है। अगर आप सही खानपान और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाते हैं तो इसे घर पर ही कंट्रोल किया जा सकता है। यदि समस्या बढ़ रही हो तो देर न करें, डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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