✨ "शरीर जितना साफ़ होता है, आत्मा उतनी ही आवाज़ करने लगती है।"
– यही मैंने जाना जब मैं 92 किलो से 56 किलो तक आया — सिर्फ जल उपवास से।
🔸 ये शुरुआत वजन घटाने की नहीं थी…
ये शुरुआत तब हुई जब मुझे लगा मैं खुद से थक गया हूँ। हर दिन सुस्ती, चिड़चिड़ापन, रिश्तों में दूरी — और सबसे ज़्यादा, खुद से अलगाव।
फिर एक दिन मैंने कुछ नहीं खाया — बस पानी पिया। किसी डाइट चार्ट से नहीं, किसी डॉक्टर के कहने पर नहीं, बल्कि इसलिए क्योंकि मुझे रुकना था, खुद को सुनना था।
🔸 जल उपवास क्या है – विज्ञान और वेदों की नज़र से
- Water Fasting: सिर्फ जल, बिना ठोस भोजन, चाय या जूस।
📚 शास्त्र कहते हैं:
“नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति” – भगवद गीता 6.16
ना बहुत खाओ, ना उपवास से शरीर को तोड़ो। उपवास शरीर और आत्मा के बीच की खाई को भरता है।
🧬 विज्ञान कहता है:
- Autophagy: शरीर स्वयं की कमजोर कोशिकाओं को तोड़ता है (Nobel Prize research)
- Ketosis: शरीर फैट को ऊर्जा में बदलता है, जिससे वजन घटता है
- Harvard & WHO ने इसे effective natural fat-loss method माना है
🔸 मेरी 3 महीने की यात्रा – हफ्ते दर हफ्ते बदलाव
| सप्ताह | उपवास | अनुभव |
|---|---|---|
| 1–2 | 12 घंटे | हल्का शरीर, शांत मन |
| 3–4 | 16 घंटे | नींद गहरी, गुस्सा कम |
| 5–6 | 20 घंटे | चेहरे पर चमक, पेट हल्का |
| 7–8 | 24 घंटे | आत्म-नियंत्रण की शक्ति |
| 9–12 | 36 घंटे | सिर्फ शरीर नहीं, सोच भी बदलने लगी थी |
🔸 जो मैंने छोड़ा, वही मेरा इलाज था
- बिना भूख के खाना
- स्क्रीन के सामने खाना
- भागम-भाग वाली सोच
और पाया:
- आत्म-जागरूकता
- ऊर्जा
- गहराई
🔸 उपवास के दौरान कैसे न भागें?
- खुद को बिजी रखें: किताबें पढ़ें, डायरी में डर और भावनाएं लिखें
- जल से रिश्ता बनाएं: हर घूंट में कहें – "मैं खुद को साफ कर रहा हूँ"
- परिवार को बताएं: समझाएं कि ये व्रत है, डाइट नहीं
🔸 सावधानियाँ (Reality Check)
| स्थिति | क्या करें |
|---|---|
| मधुमेह / हाई बीपी | डॉक्टर की सलाह लें |
| बहुत कम वजन वाले | जल उपवास न करें |
| प्रेगनेंसी / स्तनपान | टालें |
🔸 कोई जादू नहीं — सिर्फ सच्ची प्रैक्टिस
- कोई प्रोटीन पाउडर नहीं
- कोई एक्सपेंसिव डिटॉक्स नहीं
- बस सादा जल, संयम और आत्म-जागरूकता
🔸 आज़माएं — एक छोटा सा कदम
सोमवार: 12 घंटे का उपवास ट्राई करें (रात 8 से सुबह 8)
पिएं: गर्म पानी, नींबू + सेंधा नमक, ध्यान के 10 मिनट
🔸 अंत में...
“भूख नहीं, शांति चाहिए थी। पेट नहीं, मन भरना था।”
36 किलो वजन कम करने से ज़्यादा, मैंने अपने भीतर का गुस्सा, दुख और विकार निकाला।
अगर आप भी खुद से दोबारा जुड़ना चाहते हैं – तो एक दिन बस जल और आत्म-निष्ठा के साथ शुरू कीजिए।
💬 आप क्या सोचते हैं?
क्या आप जल उपवास को एक बार ट्राई करेंगे?
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