आयुर्वेद कहता है — "प्रातःकाले स्वस्थो भवेत्" यानी सुबह की सही आदतें पूरे दिन की सेहत और ऊर्जा तय करती हैं। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में थकान, तनाव और कमजोर पाचन आम समस्या बन चुकी है। लेकिन आयुर्वेदिक ग्रंथों (चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अष्टांग हृदयम्) में बताए गए सरल नियम सुबह की शुरुआत को जादुई बना सकते हैं। यहाँ Ayurved by Yogesh Ji की ओर से हम आपके साथ 7 ऐसे आयुर्वेदिक नियम साझा कर रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप पाएँगे ताजगी, ऊर्जा और मानसिक शांति। 1. उषापान (Usha Paan) – सुबह का पहला अमृत 💧 अष्टांग हृदयम् के अनुसार, प्रातःकाल सबसे पहले गुनगुना जल पीना शरीर को शुद्ध करता है। इसे ही उषापान कहा गया है। पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है। रातभर जमा हुए विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है। त्वचा में निखार और मस्तिष्क में ताजगी लाता है। Ayurved by Yogesh Ji इसे “दिन की ऊर्जा का पहला स्रोत” मानते हैं। 2. जीभ की सफाई और तेल खींचना 🦷 चरक संहिता कहती है कि जीभ पर जमा मैल ही कई रोगों की जड़ है। इसलिए सुबह उठते ही जीभ को खुरचकर साफ करना जरूरी है। Ayurved by Y...